हिंदू महीने के कार्तिक माह के छठे दिन, जो अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार अक्टूबर या नवंबर में पड़ता है, छठ पूजा एक प्रमुख हिंदू त्योहार है। छठ पूजा को भारत के कुछ राज्यों में विषेस कर के बिहार, झारखण्ड और उत्तर प्रदेश के साथ भारत के बहुत सारे राज्यों में मनाया जाता है|
छठ पूजा को बिहार, झारखण्ड और उत्तर प्रदेश के रहने वाले लोग पुरे भारत के साथ साथ बिदेशो में भी मनाते है| भारत में आधिकारिक तौर पर एक दिन की सार्वजनिक छुट्टी के साथ मनाया जाता है।
छठ पूजा का त्यौहार लगातार चार दिनों तक चलता है।
छठ पूजा का पहला दिन - नाहा खाये
छठ पर्व का पहला दिन जिसे ‘नहाय-खाय’ के नाम से जाना जाता है, सबसे पहले घर की सफाई कर उसे पवित्र किया जाता है। उसके बाद व्रती अपने नजदीक में स्थित गंगा नदी,गंगा की सहायक नदी या तालाब में जाकर स्नान करते है| खाना में व्रती कद्दू की सब्जी ,मुंग चना दाल, चावल का उपयोग करते है|
छठ पूजा का पहला दिन - खरना
छठ पर्व का दूसरा दिन जिसे खरना के नाम से जाना जाता है| इस दिन व्रती पुरे दिन उपवास रखते है| शाम को चावल गुड़ का प्रयोग कर खीर बनाया जाता है। खाना बनाने में नमक और चीनी का प्रयोग नहीं किया जाता है। इन्हीं दो चीजों को पुन: सूर्यदेव को नैवैद्य देकर उसे ग्रहण करते हैं।
छठ पूजा का तीसरा दिन - संध्या अर्घ्य
छठ पर्व का तीसरा दिन जिसे संध्या अर्घ्य के नाम से जाना जाता है| छठ पूजा के लिए विशेष प्रसाद जैसे ठेकुआ, चावल के लड्डू बनाया जाता है। छठ पूजा के लिए एक बांस की बनी हुयी टोकरी जिसे दउरा कहते है में पूजा के प्रसाद,फल डालकर दउरा में रख दिया जाता है। वहां पूजा अर्चना करने के बाद शाम को एक सूप में नारियल,पांच प्रकार के फल,और पूजा का अन्य सामान लेकर दउरा में रख कर घर का पुरुष अपने हाथो से उठाकर छठ घाट पर ले जाता है।
नदी या तालाब के किनारे जाकर महिलाये घर के किसी सदस्य द्वारा बनाये गए चबूतरे पर बैठती है| डूबते हुए सूर्य देव को अर्घ्य देकर पांच बार परिक्रमा करते है।
छठ पूजा का तीसरा दिन - उषा अर्घ्य
चौथे दिन कार्तिक शुक्ल सप्तमी की सुबह उदियमान सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। सूर्योदय से पहले ही व्रती लोग घाट पर उगते सूर्यदेव की पूजा हेतु पहुंच जाते हैं और शाम की ही तरह उनके पुरजन-परिजन उपस्थित रहते हैं। व्रती लोग इस समय पूरब की ओर मुंहकर पानी में खड़े होते हैं व सूर्योपासना करते हैं|
छट पूजा 2024, 2025, 2026 और 2027 के तारीख व कैलेंडर | Chhath Puja Dates Year Wise
छठ पूजा का साल | छठ पूजा का तारीख | छठ पूजा का दिन |
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2024 | 7 नवंबर 2024 | गुरुवार |
2025 | 27 अक्टूबर 2025 | सोमवार |
2026 | 15 नवंबर 2026 | रविवार |
2027 | 4 नवंबर 2026 | गुरुवार |
यह त्यौहार सूर्य देव की पूजा के लिए समर्पित होती है, एक ऐसा समय जब भक्त उनसे प्रार्थना करते हैं, पृथ्वी पर जीवन के लिए उनका धन्यवाद करते हैं, और उनसे अपने और अपने परिवार के लिए स्वास्थ्य और धन की कामना करते हैं। कई लोग गंगा नदी में भी स्नान करते हैं, जिसका पानी पवित्र माना जाता है।
कुछ भक्त छठ पूजा के दौरान अन्न और जल का भी त्याग करते हैं, जो रामायण में वर्णित सूर्य देवता के सम्मान में राम और सीता के व्रत की कथा की नकल है। और महाभारत में कर्ण के बारे में एक और कथा बताई गई है, जिसे सूर्य देवता की संतान कहा जाता है, जो पानी में खड़े होकर सूर्य देवता से प्रार्थना करता है, जो गंगा परंपरा में पवित्र डुबकी लगाने की व्याख्या करने में मदद करता है।